केंद्र सरकार द्वारा वायु सेना को काफी मजबूत और बेहतर बनाने के लिए तेजस विमानों को लेकर काफी अच्छी बात सुनने को मिली है। वायु सेना की ताकत का अंदाजा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लग चुका है। किस तरह जेट विमानों की मदद से हमारे सेनाओं ने अपनी सक्षमता को दर्शित किया इससे हम सभी भली भांति परिचित हो चुके हैं।
जेट विमान के लिए निर्माण के लिए हुए समझौता
अमेरिका के जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस तथा हमारे देश के एयरोनॉटिकक्स लिमिटेड की सहयोग से हमारे देश का स्वदेशी फाइटर जेट विमान तेजस मार्क 2 के इंजन के लिए निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके अलावा सफ़्रान के डील को भी फ़्रांस तथा बेंगुलुरू में स्थित गैस टर्बाइन रिचार्ज कम्पनी द्वारा फाइनल किया गया है। जानकारी के मुताबिक बहुत जल्द ही 5G जनरेशन तथा मध्यम लडाकू विमान के इंजन का निर्माण होगा।
बहुत जल्द होगा कार्य प्रारंभ
एक रिपोर्ट में ये जानकारी मिली कि बहुत ही जल्द तेजस मार्क 2 के लिए समझौते की बात होगी ताकि इसका इंजन जल्द ही बन जाये। जिस कारण बहुत जल्द इंजनों का निर्यात हमारे यहां होने लगेगा। वैसे तो इस बात को लेकर हमारे देश के बीच अमेरिका से कई वर्षों से वार्तालाप जारी है। बहुत संवाद और मेल मिलाप के बाद अब अच्छा निर्णय सामने आया है।
पहले आई थी परेशानी
अब जीई एयरोस्पेस द्वारा हमारे देश मे 80% इंजन की तकनीक को शेयर किया जा रहा है। हालांकि अभी भी कुछ इम्पोर्टेन्ट प्लांट्स बाहर ही है। वैसे तो प्रारंभिक दौर में पहले जीई ने नहीं चाहता था कि इतने मात्रा में कुछ भी शेयर हो परन्तु अब सब ठीक हो चुका है।