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क्या है सोना तथा चांदी का जीएसटी चार्ज, कितना लगता है मेकिंग चार्ज, पढ़े पूरी जानकारी नीचे

भारत की खूबसूरती में चार चांद लगाने में यहां का आभूषण अहम माना जाता है, भारत की महिलाएं अपने संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आभूषण धारण करती है, जिससे उनकी खूबसूरती काफी बढ़ जाती है। लेकिन आभूषण से खूबसूरती युहीं ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसे खरीदने में अच्छे-अच्छो के तेल निकल जाते हैं क्योंकि दिन प्रतिदिन सोने चांदी के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है। सोना चांदी हीरा मोती हर कोई नहीं खरीद सकता क्योंकि इस पर लगने वाला जीएसटी तथा मेकिंग चार्ज इसे और महंगा बना देता है।

सोना पर है 3 फीसदी टैक्स

हमारा देश सोने का सबसे अधिक उपभोक्ता वाला देश माना जाता है जिसके कारण यहां से सरकार को अच्छा खासा टैक्स भी वसूल होता है। हालांकि यह डिमांड हमेशा से चल रहा है कि सोने पर 3 फ़ीसदी टैक्स को काम करके 1 फीसदी कर दिया जाए ताकि लोग इसे अधिक खरीद सके और सोना का उपभोक्ता और बढ़ाया जा सके परंतु अभी ऐसा कुछ नियम लागू नहीं हुआ।

होता है 9 टन सोना आयात

जानकारी के अनुसार हमारे देश में हर वर्ष लगभग 700 से 900 टन सोने का आयात किया जाता है और इसकी बिक्री भी अच्छी खासी होती है। हालांकि इस पर लगने वाले जीएसटी तथा मेकिंग चार्ज के कारण यह काफी महंगा हो जाता है परंतु अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए भारत के लोग सोना खरीदने में कोई कोतवाई नहीं बरतते।

सरकार मिलता है लाभ

जानकारी के मुताबिक अभी सोना पर 5 फीसदी तथा चांदी पर 3 फ़ीसदी जीएसटी चार्ज लिया जाता है वही मेकिंग चार्ज अलग से जोड़ा जाता है। इसलिए भारत में उपभोक्ताओं को सोना चांदी खरीदने में थोड़ी परेशानी होती है लेकिन सरकार को इस से काफी लाभ भी होता है।

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