अगर हम बिहार की बात करें तो आजकल यहां व्यापक स्तर पर भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। सरकार यह सर्वेक्षण इसलिए कर रही है ताकि लोगों को अपने जमीन के विषय में जानकारी मिल सके और अपना हक कायम कर सके। परंतु जिन लोगों के पास जमीन के पेपर नहीं हुआ हैं या फिर पेपर रहने के बावजूद भी दिमक लगा जाना या पेपर का नष्ट हो जाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार ने इस क्षेत्र में अहम फैसला लेते हुए यह बताया है कि अगर किसी व्यक्ति के भूमिका पेपर नहीं है फिर भी वह मालिक कहलायेगा।
लिखना होगा पत्र
ऐसी स्थिति में भूमि के मालिक हो एक स्वघोषणा पत्र लिखना होगा जिस पत्र में यह पूरी तरह जाहिर करना होगा कि भूमि पर किसी का दाखिला है या फिर वह स्वामित्व है। इसके उपरांत आपको आपकी जमीन के दस्तावेजों को धीरे-धीरे आपको सोपें जाएगे।लोगों को मिलेगा अपना हकसरकार ने ये लागू किया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास लगभग 50 वर्ष से किसी जमीन पर कब्जा है तो इस विषय में कोई विवाद खड़ा नहीं होगा और जब सर्वेक्षण होगा तब उसमें उसका नाम जोड़ दिया जाएगा।
क्योंकि इतने दिनों तक वही व्यक्ति जमीन पर अपना हक जता सकता है, जिसकी वह जमीन हो।
स्वघोषणा पत्र लिखने के बाद सरकार ये मदद करेगी कि आपके पास आपकी जमीन के सभी पेपर पहुंच जाएं क्योंकि सरकार की ये चाहत है कि अब किसी व्यक्ति का अधिकार न छूटे और वह अपने जमीन या फिर कोई भी हक के लिए परेशान ना हो। इसीलिए सरकार ने यह नियम लागू किया है। इससे काफी जमींदारों को राहत भी मिली है और वह खुश भी है। अब उन्हें अपने जमीन को लेकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।