आजकल लोगों के बीच बायोमेट्रिक एक्सेस, इओयू आदि की पहचान करना बेहद आसान हो गया है क्योंकि लोग अपने आधार कार्ड की पहचान अन्य लोगों के साथ साझा कर दे रहे हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि वह कोई छोटी-मोटी रकम देकर अपना राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड या ई-श्रम कार्ड आसानी से बनवा सकते हैं। परंतु अगर आप भी इसी लिस्ट में से है तो सावधान हो जाए क्योंकि साइबर क्राइम के माध्यम से आजकल धोखाधड़ी का खतरा अधिक बढ़ गया है।
आधार की मदद से बढ़ रहा है धोखाधड़ी
धोखेबाज लोग शिविर लगाकर बायोमेट्रिक एक्सेस द्वारा लोगों का डाटा संग्रहित कर लेते हैं और फिर उसका उपयोग साइबर क्राइम के द्वारा किया जाता है और उसे डाटा को चुरा कर उसका गलत उपयोग किया जाता है। इस धोखाधड़ी से बिहार राज्य के कई जिले ग्रसित हो चुके हैं उन जिलों में लोगों का डाटा चुरा कर उनका गलत उपयोग किया गया है। कुछ लोगों के बैंक बैलेंस पर ज्यादा परेशानी आई है तो कुछ लोग अन्य मुश्किलों से जूझ रहे हैं अगर आप भी कहीं भी शिविर लगे या फिर कोई आकर बोले कि हम आपका आयुष्मान कार्ड या आधार कार्ड फ्री में बनवाएंगे तो इसके लिए आप बिना जांच पड़ताल किए वहां न जाए और अपना डाटा उन्हें ना दें।
रखें डेटा का ध्यान
आपको इन सारी बातों का विशेष ध्यान रखना होगा कि कहां आपको अपना डाटा ध्यान देना चाहिए और कहां नहीं देना चाहिए। अगर आपका डेटा कहीं भी यूआइडीएआइ की वेबसाइट पर देते हैं तो आपको इससे कोई नुकसान नहीं होगा परंतु आप कहीं भी यूं ही किसी को अपना डाटा शेयर कर करते हैं तो यह आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसीलिए सावधान रहे सतर्क रहें और अन्य लोगों को भी इस धोखाधड़ी के विषय में जानकारी दें।