पहले के दौड़ में लोग व्यवसाय करने से प्रारंभ उतनी जांच पड़ताल नहीं करते थे जितना आजकल कर रहे हैं।अगर कोई व्यक्ति कोई भी बिजनेस प्रारंभ करना चाहता है तो इससे पूर्व वह सारी जानकारी तथा तौर तरीके आदि अच्छी तरह सीख लेता है ताकि भविष्य में घाटे का सौदा न करना पड़े। अब चाहे यह बिजनेस खेती से ही जुड़ी क्यों ना हो। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएंगे जिन्होंने खेती करने से पूर्व वैज्ञानिक पद्धति के विषय में अच्छी तरह जानकारी हासिल की और तब पारंपरिक खेती को छोड़कर वैज्ञानिक पद्धति से खेती की और आज वह कम लागत में अधिक मुनाफा के साथ खेती में लाभ कमाकर अन्य किसानों के लिए उदाहरण बने हुए हैं।

वैज्ञानिक पद्धति से की खेती
छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले खुलेश्वर पैंकरा ने मात्र 0.5 एकड़ भूमि में खेती करनी प्रारंभ की। उन्होंने अपने खेतों में बरबटी की बुवाई की यह बरबटी पारंपरिक तरीके से नहीं बल्कि वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर उगाया गया। जिस कारण उन्हें इस बरबटी की खेती से काफी अधिक लाभ मिला और वह आर्थिक स्थिति से बेहतर बने। उन्होंने अपने खेतों में जैविक कम्पोस्ट डाला ताकि फसल रसायन मुक्त हो।

हुआ आर्थिक स्थिति बेहतर
उन्होंने मात्र 20000 की लागत के साथ अपनी खेती प्रारंभ की और जैसे ही खेती में फसल तैयार हुए उसे बेचने के लिए मार्केट ले गये। उन्होंने अपने बरबटी का दाम 50 प्रति किलोग्राम तय किया और वह इसे 70000 रुपए की आमदनी प्राप्त किये। उन्होंने अपने बरबटी की खेती से 50000 रुपये का शुद्ध आय के तौर पर कमाया जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई। अब वह खेती का दायरा बढ़ान चाहते हैं और अन्य किसानों को इसके विषय में बात कर उन्हें भी बेहतर किसान बनाना चाहते हैं।